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Report of Kavi Sammelan 2018

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वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय विराट हिन्दी कवि सम्मेलन, 2018

भारत का उच्चायोग लंदन और आईसीसीआर के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय विराट हिन्दी कवि सम्मेलन, 2018 का आयोजन ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में 16 सितंबरसे 30 सितंबर 2018 तक किया गया। इस वर्ष आईसीसीआर द्वारा इन कवि सम्मेलनों में भाग लेने के लिए भारत से छह कवियोंडॉकुंवर बेचैनडॉ कीर्ति कालेडॉकविता किरणडॉ मनवीर मधुरडॉअनिल चौबेडॉ मदन मोहन समर को यू.केभेजने की व्यवस्था की गई। सभी कविगण कार्यक्रम आरंभ होने से पहले निर्धारित समय पर आ गए और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

1993 में ब्रिटेन में भारत के तत्कालीन उच्चायुक्त डॉलक्ष्मी मल्ल सिंघवी की प्रेरणा से इस कवि सम्मेलन श्रृंखला की शुरुआत हुई। ब्रिटेन के तीन शहरों यानी मैनचेस्टरयार्क और लंदन में इसका आयोजन किया गया । इसका उद्देश्य था भारतीय संस्कृति के चटख रंग को बनाए रखना और आने वाली पीढ़ियों को इस से परिचित कराना । धीरे-धीरे इसका विस्तार अन्य शहरों में हुआ। 25 वर्षों की काव्ययात्रा में वर्ष दर वर्ष कुछ नए शहर जुड़ते गए और इस वर्ष अधिकतम 14 स्थानों में यह कवि सम्मलेन आयोजित किया गया। यह पहला अवसर था जब यूके के सभी प्रान्तों इंग्लैंडवेल्सस्कॉटलैंडऔर उत्तरी आयरलैंड में इसका आयोजन किया गया। इतना ही नहीं आयरलैंड की राजधानी डबलिन में भी इस वर्ष इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जो यूनेस्को के सिटी ऑफ़ लिटरेचर यानी साहित्यिक शहर के रूप में जाना जाता है और जिस शहर ने अंग्रेजी साहित्य के कुछ महान रचनाकार दिए जैसे ऑस्कर वाइल्डजोनाथन स्विफ्टजी.बी.शॉऔर डब्ल्यू बी एट्सआदि। डबलिन में यह पहला कवि सम्मेलन था इससे पहले किसी भी संस्था या संगठन द्वारा कभी भी इस शहर में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया था।

इस वर्ष कवि सम्मेलन का आरंभ उत्तरी आयरलैंड के खूबसूरत शहर बेलफास्ट से हुआ जहां भारतीय समुदाय के लगभग 5000 लोग रहते हैं। 16दिनों की अपनी यात्रा के दौरान कवियों ने बेल्फास्ट के अलावा कार्डिफबाथमैनचेस्टरबर्मिंघमनौटिंघमएडिनबराग्लास्गोलिवरपूललंदनइंडिया हाउसस्लावहोंसलो में आयोजित कवि सम्मेलनों में अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया।

इन सभी स्थानों पर भारत से आए कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। जहां डॉकुंवर बेचैन की रचनाएं सुनकर श्रोता भाव विभोर हो रहे थे वहीं डॉ अनिल चौबे के छंदों को सुनकर लोग हॅंस-हॅंस कर लोट पोट हो रहे थे। डॉ मदन मोहन समर की रचनाएं राष्ट्र की आराधना कर रही थीं वहीं डॉ मनवीर मधुर के गीत जीवन जीने के तरीके सिखा रहे थे। डॉ कविता किरण ने श्रृंगार के गीत गाएवहीं डॉ कीर्ति काले ने श्रोताओं को हास्य और करुण रस दोनों का आस्वाद कराया।

कवि सम्मेलनों की इस श्रृंखला की कड़ी के रूप में 28 सितंबर 2018 को भारत का उच्चायोगलंदनइंडिया हाउस में भी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चांसरी प्रमुख ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार के प्रति उच्चायोग की प्रतिबद्धता दोहराई वहीं उप-उच्चायुक्त श्री चरणजीत सिंह ने कवि सम्मेलनों के महत्व को बड़े ही मार्मिक ढंग से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जितना सूर और तुलसी को पढ़ना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण समकालीन रचनाकारों की रचनाओं के माध्यम से उनके विचारों को जानना भी। कवि सम्मेलन का संचालन डॉ मनवीर मधुर ने किया। पूर्व संचालन अताशे हिंदी और संस्कृति श्री तरुण कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती दिव्या माथुरश्रीमती उषा राजे सक्सेनाश्री श्याम मनोहर पांडेश्रीमती शिखा वाष्र्णेयश्रीमती अरुणा सभरवालश्रीमती अरूणा अजितसरिया जैसे साहित्यकार व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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